कुबेर व्यक्तिगत ऋण योजन, नौकरी पेशा धारकों के लिये।
उदेश्य- वेतन भोगी कर्मचारियों को सरलीकृत रूप से दैनिक उपभोग की समस्त क्रय, आकस्मिक सामाजिक दायित्वों के निर्वहन में सक्षम बनाने के लिये ऋण योजना है।
पात्रता- किसी भी राजकीय कार्यालय/अर्द्वशासकीय कार्यालय, नगर विकास न्यास, जिला परिषद, पंचायत समिति, नगर विकास, नगरपालिका कृषि उपज मण्डी समिति, पीएचईडी, विधुत वितरण व अन्य राजकीय निकाय में कार्यरत स्थायी कर्मचारी।
शर्तें- अपने सेवा कार्यालय विभाग से आहरण वितरण अधिकारी द्वारा लाभान्वित होने वाले माह के पिछले माह का वेतन प्रमाण-पत्र।
राजस्थान सहकार सोसायटी अधिनियम 2001 की धारा 41 व राजस्थान सहकारी सोसायटी अधिनियम 2003 की धारा 52 के अन्तर्गत स्वंय के वेतन में से कटौती हेतु विभागाध्यक्ष द्वारा अण्डरटेंकिग।
ब्याजदर- 11 प्रतिशत रहेगी।
ऋण राशि- अधिकतम राशि रूपये 3.00 लाख तक नियमानुसार उपलब्ध करवाया जायेगा।
राशि का निर्धारण- ऋणी द्वारा आहरित प्राप्ति योग्य वेतन का अधिकतम 8 गुणा, ऋण राशि की मासिक कटौती सहित समस्त कटौतियां उसके सकल वेतन का 50 प्रतिशत से अधिक नहीं हो जाये।
पुनःभरण- पुनःभरण की अवधि अधिकतम 60 माह होगी, कर्मचारी के सेवानिवृति के छः माह पूर्व तक ही हो सकेगी।
दस्तावेज- नोमिनल सदस्यता शुल्क 51 रूपये एंव अमानत राशि 1000 रूपये की प्राप्ति रसीद।
राजस्थान सहकारी सोसायटी अधिनियम 2001 की धारा 41 के अनुसार अनुबंध।
ऋण पेटे अच्छी हैसियत रखने वाले दो कर्मचारियों की जमानत प्राप्त किया जाना आवश्यक है। जमानतदार को बैंक का नोमिनल सदस्य होना आवश्यक है। जमानत बाबत सहमति पत्र, वेतन प्रमाण-पत्र एवं पहचान पत्र की सत्यापित प्रति।